बारिश का मौसम है। मगर इंद्रदेव की मेहरबानी कि बरखा रानी नानी के घर से छुट्टियां मनाकर
लौटी ही नहीं।शायद इसीलिए मानसून लेट है। क्योंकि इसके
बिना मानसून दो कदम भी आगे बढ़ता नहीं है। अब से पहले
जिन खुशनसीब हिस्सों में हल्की-फुल्की बारिश हुई है। वह गरमी से राहत दिलाने के लिए हुई है। बच्चों
द्वारा कागज की कश्ती बनाकर धमाचौकड़ी मचवाने वाली बारिश तो लगता है कि क्रिकेट
वर्ल्डकप देखने में व्यस्त
हैं। क्रिकेट वर्ल्डकप का क्रेज ही ऐसा है कि बिना देखे बगैर चैन पड़ता
नहीं हैं।फिर चाहे बारिश हो या हम।
भारत-पाकिस्तान के वनडे मैच के दौरान भी दो मिनट बिजली गुल हो जाए तो गुस्सा
सातवें आसमान पर चढ़ जाता
है। जो कि गुस्सा नहीं होता है। बल्कि क्रिकेट के प्रति प्रेम होता है। इस खेल के
प्रति देश में प्रेम ही कुछ ऐसा है। लेकिन अब इंद्रदेव को भी अपनी मेहरबानी की
बरखा रानी को नानी के घर से बुला लेना चाहिए। अब तो छुट्टियां भी खत्म हो गई है।
स्कूल खुल गई हैं। बच्चे नानी से सुनी कहानियां भूलकर
अपने पाठ्यक्रम की कहानियां सुनने के लिए स्कूल जाने लग गए हैं। हम तो पलक पावडे
भी बिछाए हुए हैं और पकोड़े तलने के लिए कढ़ाही को भी मांजकर चूल्हे के पास ही रख रखे हैं। ताकि बारिश का आगमन होते ही पकोड़े तलने लग जाए।
इंतजार की घड़ी की सुइयां भी इतनी धीमी गति से चलती है कि
इंतजार करते-करते बारिश की पुरानी
यादों में खो जाते हैं। बचपन के वो दिन याद आने लगते हैं। जब स्कूल की छुट्टी के
समय बारिश होती थी तो बारिश में नहाते हुए घर पहुंचते।
बैग में रखी कॉपी-किताबें भीग जाती थी तो उनके एक-एक पन्ने को हिला-हिलाकर सुखाते थे। कोई पन्ना फट जाता था तो उसके गोंद
लगाकर चिपकाते थे। दो पन्ने आपस में चिपक जाते थे तो उनमें स्केल फंसाकर अलग करते थे। कागज की कश्ती बनाकर
बस्ती में तैराते थे। जिसकी कश्ती की नैया पार लग जाती थी,वह
इस तरह से उछलता था जैसे कि वर्ल्डकप की ट्रॉफी जीत ली हो।
मगर अब स्थितियां बदल गई हैं। आजकल बच्चे पैदल नहीं साइकल
रिक्शा,ऑटो एवं बाल वाहिनी वाहनों में सवार होकर स्कूल
आते-जाते हैं। पर बारिश में भीगने का मन तो इनका भी बहुत करता है। यह यादें जब भी बारिश होती है तो फिर से तरोताजा हो जाती हैं और नहीं हो
पाती है तो यादों में ही रह जाती हैं। यह कोई नहीं चाहता
कि इस तरह की यादें यादों में ही रहे। सब चाहते हैं कि बरसात हो तो हम भी अपने
संस्मरण फेसबुक पर लिखें और पुरानी यादों को ताजा करें।
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