आजकल किसी की भी आवाजाही का पता लगाना मुश्किल नहीं है। कब जा रहा है,कहाँ जा रहा है,कब वापस आ रहा है। आदि-इत्यादि पूछने की भी जरूरत नहीं है। बस सोशल मीडिया पर अपडेट रहिए। अपने आप ही मालूम पड़ जाएगा। कहाँ जा रहे हैं और कहाँ से आ रहे हैं। अब दीवार पर टंगे कैलेंडर को निहारने के दिन गए। उसकी जगह डिजिटल कैलेंडर ने ले ली है। जो कि हर किसी के मोबाइल में लटका रहता है। बगैर पन्ना पलटे ही तिथि वार,तीज त्यौहार,जयंती व पुण्यतिथि पलक झपकते ही बता देता है।
जो सोशल मीडिया पर अपडेट रहता है। वह घर से कहीं बाहर जाता है,तब भले ही परिजनों को नहीं कहकर जाता हो,लेकिन फेसबुक पर बताकर ही निकलता है। पहुँचते ही जहाँ पर गया है,वहाँ की सेल्फी पोस्ट करके बता देता है कि अमुक जगह हूँ। अकेला गया है या साथ में गया है,यह तो सेल्फी से मालूम लग जाता है।
आप किसी भी शुभ अवसर या पर्व पर देख लीजिए, जितनी बधाई फेसबुक पर दी जाती हैं,उतनी फेस टू फेस कहाँ दी जाती है। सब जानते हैं कि फेस टू फेस तो एक ही व्यक्ति को दे सकते हैं। फेसबुक पर एक ही पोस्ट से हजारों को शुभकामनाएँ दे दी जाती हैं और कमेंट के जरिए खुद को भी ढेर सारी शुभकामनाएँ मिल जाती हैं।किसी को अलग से भी प्रेषित नहीं करनी पड़ती है। एक ही पोस्ट से सबको निपटा दिया जाता है। यही सोचकर लोग फेस टू फेस के बजाय फेसबुक पर बधाई देना ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं।
भले ही आपको अपना बर्थडे याद नहीं रहे। लेकिन आप फेसबुक पर हैं तो आपके फेसबुक मित्रों को अवश्य याद रहता हैं। चाहे परिजन,यार-दोस्त व रिश्तेदार विश नहीं करें,किंतु एफबी फ्रेंड विश्व के किसी भी कोने में हो, बर्थडे पर मुबारकबाद देना कभी नहीं भूलते हैं। खास फ्रेंड तो डिजिटल गिफ्ट तक भेंट करते हैं। मसलन, स्टीकर व इमोजी। मेरा जैसा तो सोशल मीडिया पर ही डिजिटल केक काटकर अपने जन्मदिन को यादगार बना लेता हैं।
विवाह के उपलक्ष्य पर होने वाली वधू की मुँह दिखाई की रस्म-अदायगी देख लीजिए,दुल्हन ससुराल में नहीं पहुँचती उससे पहले तो सोशल मीडिया पर बगैर नेग दिए ही पूरी दुनिया उसका मुँह देख लेती हैं। आज की दुल्हन के लिए भी नेग से ज्यादा इंपोर्टेंट लाइक व कमेंट हो गया है। नेग मिले या नहीं मिले, इसकी परवाह नहीं है, बस लाइक व कमेंट मिलने चाहिए, इसकी चिंता जरूर रहती है। दूल्हा-दुल्हन फेरे बाद में लेते हैं,पहले लाइव आते हैं। आप शादी में नहीं जा सके,तो पश्चाताप करने की कोई जरूरत नहीं है। वैवाहिक लाइव देख लीजिए। शादी से ज्यादा मजा आ जाएगा। आजकल तो प्रथम पूज्य गणपति जी की जगह भी सोशल मीडिया ने ले ली है। आप खुद ही देख लीजिए, हम शादी का निमंत्रण पत्र गणपति जी से पहले किसी ना किसी को तो व्हाट्सएप पर भेज ही देते हैं।
अब किसी से जन्म मरण की भी जानकारी लेने की जरूरत नहीं है। नवजात शिशु को स्तनपान बाद में कराते हैं पहले उसको सोशल मीडिया के दर्शन कराते हैं। वहाँ से पूरी दुनिया को पता पड़ जाता है कि फलाना सिंह बाप बन गया है। लोग सही कहते हैं कि आजकल के बच्चे पैदा होते ही हाथ में मोबाइल थमा लेते हैं। जो बच्चा पैदा होते सोशल मीडिया पर आ गया। वह होश संभालते ही मोबाइल तो मांगेगा ही। इसी तरह मृतक व्यक्ति परलोक गमन नहीं करता है,उससे पहले तो उसका आगमन सोशल मीडिया पर हो जाता है। यहाँ पर श्रद्धांजलि सभा से पहले तो इतनी श्रद्धांजलि दे दी जाती हैं,मृतक की आत्मा तृप्त हो जाती है। अच्छा परिजन चाहे जीवित के जीवनभर ठोकर मारते रहे हो, लेकिन मृत्यु के उपरांत सोशल मीडिया पर इतनी श्रद्धा से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिसे देखकर यह कतई नहीं लगता है कि मृतक के प्रति लगाव नहीं था,बल्कि ऐसा लगता है कि बहुत ख्याल रखते थे।
देश-दुनिया में क्या घटित हो रहा है और कौन सुर्खियां बटोर रहा है। यह जानने के लिए अखबार के पन्ने पलटने की या टीवी ऑन करने की जरूरत नहीं है। बस सोशल मीडिया पर अपडेट रहिए, आपको अपने आप ही पल-पल की खबरें मिलती रहेंगी। क्योंकि खबरिया चैनलों की ब्रेकिंग न्यूज़ से पहले तो पूरी स्टोरी सोशल मीडिया पर छा जाती है।
लेखकों को ही देख लीजिए,परम्परागत कागज,कलम,दवात को छोड़कर,सोशल मीडिया पर मोबाइल की-बोर्ड के जरिए रचना कर्म और रचना धर्म निभा रहे हैं। वहां चुटकुलेबाजों और अफवाहबाजों से उनकी स्पर्द्धा जारी है। कल तक जो श्रोता और पाठक ढूंढते थे,आज सुबह-शाम फॉरवर्ड हो रहे हैं। हिसाब लगाया जा रहा है कि एक आह के असर होने तक कितने फॉरवर्ड की जरूरत होती है। अपनी फेसबुक वॉल पर पुष्प जैसे शब्दों की चादर बिछाकर,शब्दों के फूलों पर नहीं मंडराने वाले भंवरे एवं भंवरियों को भी टैग करके लाइक व कमेंट बटोर रहे हैं।
आजकल तो प्यार-प्रेम व रिश्ते-नाते सोशल मीडिया के जरिए ही होने लग गए हैं। ब्याह शादी कराने वाला बिचौलिया नामक प्राणी धीरे-धीरे लुप्त होता जा रहा है।छोरा-छोरी चैट करते-करते ही आपस में सेट हो जाते हैं। सेट होने के बाद तो वैवाहिक टेंट लगकर ही रहता हैं।अब सोशल मीडिया इतना ताकतवर बन गया है कि एक ही रात में जीरो को हीरो और हीरो को जीरो बना देता हैं। मेरा तो मानना है कि जिंदगी में कुछ करना है और आगे बढ़ना है तो सोशल मीडिया पर अपडेट रहिए।
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