देखिए,चुनावी महासंग्राम चल रहा है। चुनाव लड़ने वाले योद्धा मैदान-ए-जंग में
ताल ठोक रखे हैं। जिससे राजनीतिक दांव-पेच नहीं लग पा रहा है,वह बेतुके बयानों के जरिए चुनाव जीतना चाहता है। मगर सामने वाला भी कमजोर नहीं
है वह भी सियासी तरकश से बेतुके बयानों के बाण प्रक्षेपित करके उसे पटकनी देने में लगा है।
बेतुके बयानों से राजनीतिक गलियारों में रौनक छा गई है। टीवी वालों को डिबेट के लिए मुद्दा मिल गया है। आरोप-प्रत्यारोपण के बीज
प्रस्फुटित होकर पौधे का आकार लेने के लिए तीव्र गति से बढ़ने लगे है। लगता है आम
चुनाव के अंतिम चरण से पहले वटवृक्ष का रूप धारण अवश्य
कर लेंगे।
एक-दूसरे पर बेतुके बयानों
का प्रहार देखकर,इनका नतीजा तय करने
वाला वोटर अभी चुप्पी साधे हैं। वह लाइव देख रहा है कि मतदान दिवस तक बेतुके
बयानों से कौन घायल होता है और कौन बचकर निकलता है। और जनता किसके पक्ष में उतरती
है। उसके बाद में ही वह अपना अमूल्य वोट ईवीएम को
समर्पित करेगा। क्योंकि वह अपने वोट की ताकत भली-भांति
जानता है। उसे पता है कि लोकतंत्र में आम आदमी के पास एक वोट देने का ही तो
अधिकार है। जिसका उपयोग भी किसी ऐरे-गैरे,नत्थू-खैरे के पक्ष में कर दिया,तो वोट गड्ढे में
चला जाएगा। यह कोई भी नहीं चाहता है कि मेरा वोट गड्ढे
में जाए, बल्कि सबकी यही इच्छा होती है कि मेरे वोट से ऐसी सरकार बने की अपने संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ देश के भी तस्वीर बदल जाए।
लेकिन बेतुके बयान देने वाला नेताजी ईवीएम का बटन
दबाने से पहले वोटर पर अपनी जादुई छड़ी के जरिए,कुछ इस तरह
का जादू टोना करता है कि वोटर का वोट अपने आप ही खींचा चला आता है। परंतु उसकी जादुई छड़ी पर निर्वाचन आयोग की निगरानी रहती है। इसलिए उसका
जादू चल नहीं पाता है। पर कई बार आचार संहिता का
उल्लंघन करके जादुई छड़ी का जादू चल भी जाता है और अपेक्षा से ज्यादा वोट ले भी लेता है। जिसे हम आश्चर्यजनक परिणाम कहते हैं संभवतः वह किसी ना
किसी जादूई छड़ी का ही परिणाम होता है।
ज्ञानी जनों का कहना है कि जिनके पास मुद्दे नहीं होते,वह बेतुके बयान देकर सुर्खियां बटोरते हैं और वोटर को असमंजस में डाल देते हैं। ताकि मतदान से पहले कोई और उसे बरगलाने नहीं
सके। क्योंकि कई बार मतदाता बहकावे में आकर भी मतदान कर देता है। लेकिन आज का
मतदाता पहले वाला नहीं है। बहुत समझदार हैं। नेताओं की हर चाल को समझता है। जीतने के बाद कौन अपेक्षाओं
पर खरा उतरेगा और कौन नहीं? यह जांच परख कर ही ईवीएम का
बटन दबाता है।
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