मोहन लाल मौर्य
चुनावीं रंग कैसे परवान
चढ़े और लोग अपने रंग में कैसे रंगे? वोटर कैसे प्रभावित हो? पार्टी सत्ता में कैसे आए? गुणा,भाग,जोड़-घटा बढ़ाकर
समीकरण बैठाते हैं। विचार-मंथन कर प्रचार-प्रसार करने का नायाब तरीका अपनाते हैं।
अलहदा प्रसार कर चुनावीं वैतरणी पार करने की सोचते है। अबकी बार नेताजी का प्रसार
हवा में गुब्बारें उड़ाकर करने का निर्णय लिया है। कर्मठ कार्यकर्ताओं को
जिम्मेदारी दे गई है। क्योंकि इस कृत्य में पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता पारंगत
होता है। वह नेताजी के नाम के गुब्बारें हवा में उड़ाना जानता है। हवा का रूख
देखकर गुब्बारें उड़ाता है। उड़ते हुए गुब्बारें को जो पकडऩे दौड़ता है उसे अपना
वोटर समझ बैठता है।
दिनभर गुब्बारें उड़ाने
के उपरांत शाम को कार्यालय में रिपोर्ट देनी होती हैं। कार्यालय प्रमुख एक-एक कार्यकर्ता
से रिपोर्ट लेता हैं-आज तुमने कितने गुब्बारें उड़ाए और कितने गुब्बारें लोगों ने
पकड़े। जो गुब्बारें उड़ते हुए फुस हो गए उनकी गणना कर मत बताना। उन्हें तो वापस
जमा करवाने हैं। उनके बदले में नए जो लेने हैं। जो कार्यकर्ता सर्वाधिक गुब्बारें
उड़ाने का जिस दिन रिकॉड़ कायम करता है उस दिन नेताजी उसकी पीठ थप-थपाते है और उसे
ओर गुब्बारें उड़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है। नेताजी के मुंख मंड़ल से अपनी
प्रशंसा सुनकर कार्यकर्ता पुलकित हो जाता है और अगले दिन उससे भी ज्यादा गुब्बारें
उड़ाने के लिए जुट जाता है।
हवा में उड़ते हुए
गुब्बारें को जो पकड़ लेता है उसे गुब्बारें की विशेषता बताते हैं। ये ऐसा-वैसा
कोई साधारण गुब्बारा नहीं है। इसको बनाने से पूर्व हर तबके का ध्यान रखा गया हैं।
उसके उपरांत इसको विकास के रंग-बिरंगे रंग से रंगा गया है। इस पर पार्टी का घोषणा
पत्र अंकित हैं। विविध योजना हैं। योजनाओं को कब कैसे लागू करना है,प्लान है। प्लान
के मुताबिक योजना है और योजनाओं के अनुरूप विकास है।
देखना इस बार ‘गुब्बारा’ छा गया तो ‘विकास’ राजमार्ग व
राष्ट्रीयमार्ग से नहीं बल्कि गली,मोहल्ला,गांव व शहर से होता हुआ गुजरेगा। जिधर से भी ‘विकास’ गुजरेगा उधर से
कूड़ा,कचरे का
नेस्तनाबूद हो जाएंगा। जल की विकट समस्या से आप नहीं हमारे नेताजी लड़ेगे। गरीब व
किसान के लिए भी कुछ ना कुछ करेंगे। चौबीस घंटे विद्युत आपूत्र्ति होगी और बूंद-बूंद
सिंचाई से खेती होगी। किसानों के लिए अच्छी किस्म का बीज उपलब्ध करवाएंगे। अच्छी
किस्म का बीज होगा तो अच्छी पैदावार होगी। अच्छी पैदावार होगी तो किसान खुशहाल
रहेगा और गरीब तंगहाल नहीं रहेगा। गरीब की मूलभूत आवश्यताओं की पूर्ति होगी। बेरोजगारों के लिए रोजगार नहीं नौकरी
होगी। ‘हमारा प्रयास और
आपका एक वोट’ ‘गुब्बारें’ की उड़ान को गगन
तक पहुंचा सकता है। ‘गुब्बारें’ का गगन तक
पहुंचने का अभिप्राय है नेताजी की विजय भव:निश्चित होना।
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