लोगों
के चेहरों पर होली उत्सव का उत्साह साफ दिख रहा है। रंग-बिरंगे
रंग-गुलाल के ढेरों के पीछे बैठे दुकानदार के होठों पर रंगीन
मुस्कान बिखरी हुई है। जिसको देखो वहीं फागुन की मस्ती में मस्त दिख रहा है। यहां तक की मौसम में भी होली की मस्ती
छाई हुई है। फागुनी राग से आसमान गुंजायमान हैं। धरा रंग-बिरंगी
रंग-गुलाल की चुनरी ओढ़ने के लिए,कब से पलक पावडे बिछाई हुई
हैं। प्रकृति अपने प्रकृति प्रेमियों के साथ होली खेलने
के लिए बेताब है। देवर-भाभी,जीजा-साली एक-दू सरे को रंगने के लिए योजना बना चुके
हैं। टोली के संग होली खेलने वाले अपनी-अपनी टोलिया
गठित कर चुके हैं। बस अब तो योजनाओं को अंजाम देना है।
नेताजी भी होली खेलने के लिए पूरा मन बना चुके हैं।
क्योंकि होली के बाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार आमचुनाव नजदीक है। अबकी बार
लोगों के संग होली नहीं खेली तो मतदाता अपना असली रंग दिखा देगा। इस डर के मारे आम आदमी के संग होली खेलने के
लिए,अपने आपको समर्पण कर दिया है। हालांकि नेताजी को
रंग-गुलाल से सख्त एलर्जी है लेकिन वो भली-भांति जानते
हैं कि वोटर के पास जो वोट का रंग है वह होली के रंगों से कहीं ज्यादा रंग-बिरंगा
होता है। मतदान के दिन उंगली पर लगने वाली स्याही का नीला रंग कई नेताओं के चेहरे का रंग उड़ा भी देता है तो कईयों के चेहरों पर रंग जमा भी देता है। दुनिया
के सबसे बड़े लोकतंत्र को मजबूत करने वाला अगर कोई रंग है तो वह नीला रंग है। सरकार बनाने में और गिराने में
भी नीले रंग की महती भूमिका रहती है।
मैं भी सोच रहा हूँ कि क्यूँ ना होली पर्व पर एक छोटी सी स्ट्राइक
कर ही डालू। चाहे किसी के रंग-गुलाल लगे या नहीं लगे। सुर्खियों में तो आ
ही जाऊंगा। सुर्खियों में छा गया तो समझ लीजिए मेरी कलरफुल स्ट्राइक की भी सर्जिकल
स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से कम टीआरपी नहीं आएगी। शहर में नहीं तो कम से कम अपनी
कॉलोनी में तो चर्चाएं आम हो ही जाएंगी। चर्चा आम हो गई तो आम से खास आदमी बन
जाऊंगा।
स्ट्राइक के बाद रंग-गुलाल में रंगी अपनी एक सेल्फी सोशल मीडिया पर
डालकर कैप्शन में लिख दूंगा, देखिए मैंने
भी होली पर्व पर कलरफुल स्ट्राइक की है। कोई कमेंट करके पूछेगा
कि कितनों के रंग-गुलाल लगाया तो ऐसा आंकड़ा बताऊंगा कि सबूत मांगने की जरूरत ही
नहीं पड़ेगी। फिर भी किसी ने सबूत मांग लिया तो अपने मोबाइल के कैमरे से पहले से
ही वीडियो रिकॉर्डिंग करके रखूंगा। जरूरत पड़ी तो दिखा दूंगा अन्यथा मोबाइल में
पड़ा रहेगा।
कलरफुल स्ट्राइक करने के लिए,मैंने हरा,पीला, नीला,लाल,गुलाबी रंगो का गठबंधन करके एक ही थैली में मिश्रित कर लिया है। ताकि
स्ट्राइक के वक्त इसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं हो। क्या है कि अलग-अलग रंगों
को अलग-अलग थैलियों में लेकर स्ट्राइक के समय होली
खेलते हुए किसी टोली से सामना हो गया तो एकाध रंग की थैली शहीद ना हो जाए। यह डर
रहता है। होली के रंगों में किसी भी रंग का शहीद होना समाज व देश के लिए हानिकारक
है।
क्योंकि हमारी जिंदगी में रंगो का बहुत बड़ा महत्त्व है। दुनिया
में ऐसी कोई चीज नहीं है जिसका रंग नहीं है और प्रत्येक रंग किसी ना किसी का
प्रतीक है। रंगो के बिना तो हम सोच भी नहीं सकते हैं। जिस
तरह बिना प्राण का शरीर किसी काम का नहीं है, वैसे ही
बिना रंगो के जीवन रंगहीन होता है।
होली के रंग एक-दूसरे के चेहरों
को रंगने का काम ही नहीं करते हैं,बल्कि
गिले-शिकवे भी दूर करते हैं। सालभर से रूठे हुए को मनाने में महती भूमिका निभाते
हैं। हंसी-मजाक के माध्यम हैं। रिश्ते-नाते
व सगे-संबंधियों में सामाजिक सौहार्द बनाए रखते हैं।
दरअसल में अपने पड़ोसियों को बताना चाहता हूँ कि छप्पन इंच का सीना
नहीं,बल्कि छबीस इंच का सीना भी स्ट्राइकर सकता है। जो रंग-गुलाल लगवाने
से डरते हैं उन्हें भी रंग-गुलाल से सराबोर कर दूंगा। फिर वे अपने आप ही मेरे द्वारा की गई कलरफुल स्ट्राइक की फोटो खींचकर अपनी-अपनी फेसबुक वॉल पर लगाकर पूरी दुनिया को बता देंगे कि अबकी बार हम भी होली के
रंग में रंगे गए। बस फिर क्या सबको पता लग ही जाएगा।