जूता तब से सुर्खियों में है,जब एक इराकी
पत्रकार ने जॉर्ज बुश पर जूता फेंका था। तब से अब तक न जाने कितनों पर जूता उछाला
जा चुका है। सस्ते से सस्ता व फटा-पुराना जूता भी सुर्खियां बटोर चुका है। खबरिया
चैनलों की ब्रेकिंग न्यूज़ बन चुका है।वैसे तो टमाटर,अंडा व स्याही ने भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं,लेकिन
सुर्खियों का असली सुख जूते ने ही लिया है। क्योंकि जब भी सियासी गलियारों में
जूता उछला है या उछाला गया है। जूता समाचार पत्रों के मुखपृष्ठ की हेड लाइन बना
है। सोशल
मीडिया के युग में तो जूते ने सुर्खियां
नहीं,बल्कि लाइक व कमेंट के हीरे-जवाहरात तक लूटा है।
अब जूता पैर की जूती ही नहीं रहा है,बल्कि जूते
मारने में भी सिद्धहस्त हो गया है। अपना नाम सुनतेे ही
काम तमाम करने को आतुर रहता है। पैर से हाथ में आने तक का सफर तय करने में पलभर ही लगाता है। हाथ में आने के बाद तो दो-चार जूते मारे
बिना नहीं रहता है। जिसके सिर पर जूते पड़ते हैं, वह जूते खाने
के बाद चैन से नहीं बैठता है। वह भी उस दिन के बाद जूते मारने की फिराक में रहता
है। मौका लग गया तो वह भी किसी ना किसी बदन की मालिश कर देता है। अन्यथा जूते के पॉलिश करता रहता है। पॉलिश करते रहने से बदले की भावना कायम रहती है।
देख लेना,अब वे दिन दूर नहीं है।
भविष्य में जिसके हाथ में जूता होगा वही फीता काटेगा। शिला पट्ट पर उसी का नाम होगा जो जूतम-पैजार में सुपर
होगा। पार्टियां भी उसी को टिकट देंगी,जो जूता उछालने में सर्वश्रेष्ठ होगा। कार्यकर्ता भी उसी का प्रचार-प्रसार
करेंगे,जो जूते मारने में अव्वल रहा है। हो सकता है आने वाले समय में कोई नई नवेली पार्टी जूते को अपना चुनाव
चिह्न भी बना ले। अगर चुनाव चिह्न जूता रहा तो पार्टी का नारा कुछ इस तरह से होगा। जूता का बटन दबाइए और जूता
सरकार बनाइए। गलती से जूते की सरकार बन गई तो जूतम-पैजार मंत्रालय भी बना दिया
जाएगा। जूतम-पैजार मंत्री उसी को बनाया जाएगा, जिसको जूते मारने का अनुभव सबसे ज्यादा रहा होगा।
जूता निर्माता कंपनियों के इश्तिहार भी कुछ इस तरह से होंगे,हमारी कंपनी का जूता पहनने में ही नहीं,बल्कि मारने में मजबूत है। सियासत में अपना कैरियर संवारना है तो हमारी
कंपनी का जूता अवश्य पहनिये और सत्ता का सुख भोगिए। विज्ञापन
में जूते का चित्र भी माननीय द्वारा जूता मारते हुए दिखाया जाएगा। जिसे देखकर
कस्टमर खरीदने के लिए मजबूर हो जाएगा। कंपनियां अपना ब्रांड एम्बेसडर भी उस माननीय को ही बनाएंगी, जिसने जूते मारने में रिकॉर्ड कायम किया हो।
No comments:
Post a Comment