5 May 2019

नेताजी के पोस्टर का पोस्टमार्टम



एक दीवार पर एक नेताजी का बड़ा-सा पोस्टर चिपका हुआ था। जिस पर लिखा था-युवा दिलों की धड़कनयोग्यकर्मठशिक्षित, जुझारूजागरूकईमानदारसंघर्षशील,मिलनसारलोकप्रिय व प्रमुख समाजसेवी भाई नेतराम को अपना अमूल्य वोट देकर भारी मतों से विजय बनाए। एकाएक एक बकरी आई और युवा दिलों की धड़कन लिखे हुए भाग को फाड़कर चबाने लगी। यह देख एक कार्यकर्ता उसके पीछे डंडा लेकर भागा।
घूम-फिरकर थोड़ी देर बाद बकरी फिर से चली आई और पोस्टर को चबाने लगी। योग्य,कर्मठ,शिक्षित को तो चट कर गई। थोड़ी देर बाद जुझारू,जागरूक,ईमानदार पोस्टर के नीचे बह रही नाली में जा गिरा, जिस पर दो कीड़ों बीच में युद्ध छिड़ गया। एक ने जुझारू तो दूसरे ने जागरूक को हथिया लिया। पर ईमानदारी दोनों के ही हाथ नहीं लगी।
उधर बकरी अपनी भूख मिटाने के लिए संघर्ष करती हुई पोस्टर के संघर्षशील तक पहुँची ही थी कि पीछे से दूसरी बकरी ने आकर धकेल दिया। बाद में दोनों बकरी मिलनसार को तो मिलकर खा गई,लेकिन लोकप्रिय पर लड़ने लगी।  लोकप्रिय की हालत ऐसी हो गई कि न तो पोस्टर का रहा और नहीं मुँह का निवाला बना। प्रमुख समाजसेवी की टाँग पकड़कर लटकता रह गया और प्रमुख समाजसेवी लोकप्रिय की वजह से फड़फड़ा रहा है, जो कि कभी भी नीचे गिर सकता है।
पोस्टर फाड़ने के पीछे बकरी का कोई उद्देश्य नहीं है। बस भूख मिटाने के लिए,पोस्टर पर आक्रमण किया था। वैसे भी पोस्टर सार्वजनिक दीवार पर चिपका था,जिसे फाड़कर बकरी ने आचार संहिता का पालना किया था।

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