थानागाजी
गैंगरेप प्रकरण की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सर्व समाज की एकजुटता वाकई में
सराहनीय है। सब यही चाहते हैं कि पीड़ित को
न्याय मिले और आरोपियों को कठोर से कठोर सजा हो और कोताही बरतने
वाले उन सभी पुलिस कर्मियों व अधिकारियों पर ऐसी कार्रवाई हो कि भविष्य में फिर
कभी कोताही का ऐसा उदाहरण सामने नहीं आए।
लेकिन
इस आंदोलन में शुरुआत से लेकर अब तक एक शख्स ऐसा भी है जो कि सुर्खियां न बटोरकर
रोज सुबह अपने निवास स्थान पावटा से 50
किलोमीटर चलकर थानागाजी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आ ही नहीं
रहा है,बल्कि सक्रिय भूमिका निभा रहा है। यह कोई अधिकारी
नहीं और ना ही किसी राजनीतिक पार्टी का नेता है। विनम्रता के हिमालय,उदारता के सिंधु, सरलता के सागर, चुम्बकीय आकर्षण वाला व्यक्तित्व, ओजस्वी वक्ता,आमजन की पीड़ा से द्रवित हो उठने वाले एक आदर्श व्यक्तित्व के धनी व सामाजिक संगठन ‘जीवन बचाओ आंदोलन’ के मुख्य संयोजक नित्येन्द्र मानव
है। ऐसा भी कतई ही नहीं है कि मानव इसी आंदोलन में ही अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा
है। इससे पूर्व भी सामाजिक सरोकारों में अपनी महती भूमिका निभाते आए हैं।
पिछले
18 वर्षों से सामाजिक क्षेत्र में पूर्णकालिक रूप से सक्रिय हैं । पर्यावरण संरक्षण,जल संरक्षण, सड़क
सुरक्षा,अनुसूचित जाति व जनजाति के संवैधानिक अधिकार,समता मूलक समाज की स्थापना, घुमन्तु समाज के लिए
स्थाई आवास सहित जनहित से जुड़े हुए अनेकोंअनेक मुद्दों को लेकर संघर्ष करते रहते
हैं । इनके द्वारा किए गए,जन आंदोलन,धरना-प्रदर्शन,आमरण अनशन,पर एक दृष्टि डालें तो एक ऐसी तस्वीर
दिखाई देती है जो वाकई में प्रशंसा लायक है।
पिता
बाबूलाल आर्य व माता संतरा देवी के घर में 31
जनवरी 1979 को जन्मे मानव के पुरजोर संघर्ष का
ही नतीजा है कि राज्य में चल रहे हजारों अवैध क्रेशर व खानों को बंद करवाया गया ।
कोटपुतली क्षेत्र में अवैध खनन में लिप्त लोगों पर लगभग 500 करोड़
का जुर्माना लगवाया। जुर्माना राशि जमा नहीं करवाने पर अवैध खनन में लिप्त लोगों
के खाते सीज किये गए,उनकी चल-अचल संपत्ति,जमीन,वाहन,व मकान आदि के बेचान
पर रोक लगाई गई। बहुत से लोगों की खातेदारी जमीन को सरकारी जमीन घोषित किया गया।
इस दौरान खनन माफिया से जुड़ लोगों द्वारा इनको जान से मारने की धमकिया भी दी
गई,मगर यह डर नहीं,बल्कि डटकर मुकाबला किया। राज्य सरकार ने इनकी सुरक्षा के लिए
एक गनमैन पुलिस कर्मी भी लगा रखा । ताकि इनके साथ कोई अनहोनी घटित नहीं हो ।
जिन
गांवों में दबंग लोग दलितों को घोड़ी पर बैठ कर बिंदोरी ,निकासी नहीं निकलने देते थे। ऐसे दर्जनों
गांवों में मानव के प्रयासों से दलित दुल्हों को घोड़ी पर बिठाकर बिंदोरी व निकासी
निकलवाई गई और भविष्य में घोड़ी पर बैठना संभव हो पाया। सच पूछिए तो इनके प्रयासों
से आसपास के क्षेत्र में दलितों पर होने वाले अत्याचारों पर भारी गिरावट आई है ।
हाल
ही में तरुण भारत
पर्यावरण संरक्षण अवार्ड 2019 से सम्मानित हुए,नित्येन्द्र मानव ने उन सैकड़ों घुमन्तु समाज के लोगों को नि:शुल्क रूप
से भूमि आवंटित करवाई हैं। जिनके पास रहने के लिए अपना स्थायी आशियाना नहीं था और
बहुत से लोगों को आवास हेतु अनुदान राशि स्वीकृत करवाई हैं। ताकि घुमंतू समाज के
लोग भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ पाए। इनके द्वारा अनेकों बार नि:शुल्क चिकित्सा
शिविर लगाए गए । समाज कल्याण से सम्बंधित विकलांग विधाओं व वृद्धाओं को लेकर राजकीय एजेंसियों को साथ मिलकर अनेकों बार शिविर लगाए गए ।
नित्येन्द्र
मानव का कहना है कि जो हमें यह जो मानव जीवन मिला है । वह मानव के कल्याण में ही
काम नहीं आए तो यह मानव जीवन जीना व्यर्थ है। कभी भी कहीं पर भी किसी भी मानव पर
अगर मानवता को
शर्मसार करने वाला अत्याचार हो रहा है और आप मूकदर्शक हो कर देख रहे हैं तो सबसे
बड़े गुनहगार आप हैं। अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए व्यक्ति को हमेशा तत्पर रहना
चाहिए ।
वैसे
तो मानव अनेक पुरस्कारों से नवाजा जा चुके हैं। लेकिन अहम पुरस्कारों की बात की
जाए तो 2006 में जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया। 2010 में नेशनल गोडफ्रे फिलिप्स सोशियल ब्रेवरी अवार्ड मिला। 2011 में दैनिक भास्कर जल स्टार अवार्ड देकर
सम्मानित किया गया। 2018 में बी टी एस गौरव अवार्ड व 2019
में तरुण भारत पर्यावरण संरक्षण अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। नित्येन्द्र
मानव के द्वारा पावटा कस्बे में गत 5 वर्षों से बाबा साहब बी आर अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य पर भीम भोज का
आयोजन किया जा रहा है । इस दिन सभी समाज के लोग भोजन करते हैं,जो कि सामाजिक समरसता का बहुत बड़ा उदाहरण है। मोहनलाल मौर्य
2 comments:
आपके द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य की गई हैं समाज व देश के लिए
good
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