20 Mar 2020

कोरोना की करनी और चाइनीज करतूत


कहते हैं कि चाइना का माल चले तो चांद तक और नहीं चले तो शाम तक भी नहीं। लेकिन चाइना का वायरस कोरोना तो कुछ ज्यादा ही चल पड़ा है। हर तरफ इसके ही किस्से सुनने को मिल रहे हैं। हर कोई इसके बचाव के उपाय वाली पोस्ट की कॉपी पेस्ट कर रहा है। यह सोशल मीडिया पर जितना फॉरवर्ड हो रहा है उतना तो देश में नहीं फैला है। अखबार का ऐसा कोई पन्ना नहीं जिसमें कोरोना की खबर नहीं। मगर खबर का असर नहीं पड़ रहा है। शीर्षक पढ़कर ही आगे बढ़ रहे हैं और सनसनीखेज खबरें ढूंढ रहे हैं। नहीं मिलने पर अखबार छोड़कर टीवी में देख रहे हैं। पर उसमें भी कोरोना की ही खबरें चल रही हैं। डिबेट हो रही है। कोरोनो से लड़ने के बजाय खुद लड़ रहे हैं।
रोज सरकार इश्तहार के माध्यम से सतर्क रहने की सलाह दे रही है। हाथ न मिलाए। नमस्ते से काम चलाइए। मास्क लगाइए। भीड़ का हिस्सा न बने। दिन में कई बार साबुन से हाथ धोए। पर कई लोगों का कहना है कि हम हाथ न मिलाएं तो हमारे घर का चूल्हा न जले। मास्क क्या खाक लगाएं। बाजार में 20 पैसे का मास्क 20 रुपए में मिल रहा है। रही बात भीड़ की तो ब्याह शादी में भीड़ तो होती ही है। साले की शादी में जीजा नहीं जाए तो साला घोड़ी पर कैसे बैठे। उसे घोड़ी पर बिठाने के लिए,भीड़ का हिस्सा बनना ही पड़ता हैं। हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं तो कोई समझता ही नहीं है कि अभिवादन कर रहा है। जहां पर पीने के लिए पानी नहीं,वो लोग कह रहे हैं कि हाथ धोने के लिए पानी कहां से लाएं।
टेलीकॉम कंपनियों की कोरोना कॉलर ट्यून लोगों में जागरूकता लाने के लिए खांसकर बता रही है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग मजाक बना रहे हैं कि कोरोना वायरस से लोग मरे या ना मरे,पर खांसने वाला कॉलर ट्यून जरूर लोगों को मार डालेगा।
सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर एक से बढ़कर एक चुटकुले वायरल हो रहे हैं। कल जैसे ही मैंने अपनी फेसबुक खोली तो पहला कोरोना चुटकुला कुछ इस तरह से था,गुस्सा तो तब आता है। जब कोरोना की पूरी कॉलर ट्यून सुनने के बाद भी अगला फोन नहीं उठाता है। यहां से आगे बढ़ा दो एक छोड़कर दूसरी पोस्ट पर इससे भी मजेदार थी,स्कूल-कॉलेज व कोचिंग सेंटरो में तो कोरोना आ जाएगा और ऑफिस वाले क्या डेटोल से धुले हुए हैं,जिनमें नहीं आएगा। इतने में ही व्हाट्सएप पर एक मित्र ने यह वाला भेज दिया,कोरोना वायरस इसलिए नाराज है कि चेचक माता की उपाधि से अलंकृत हैं,तो मुझे फूफा की उपाधि से अलंकृत क्यों नहींव्हाट्सएप से बाहर निकला ही था कि इंस्टाग्राम पर एक निराला ही मिला। देशवासी तब तक कोरोना को सीरियसली नहीं लेंगेजब तक जागरूकता के लिए तारक मेहता का एक पूरा एपिसोड नहीं आ आता। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस का मजाक भी खूब उड़ाया जा रहा है। फिर भी इतना बेशर्म है कि देश से बाहर नहीं निकल रहा है। चुटकुलों से भी बाज नहीं आ रहा है।मोहनलाल मौर्य

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