पुष्पराज भारती का सपना आईएएस बनना
पुष्पराज भारती ने राजस्थान बोर्ड के 12वीं विज्ञान वर्ग में परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक अर्जित कर अपनी स्कूल एवं परिजनों का नाम रोशन किया है। पहली बार
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय मेरिट सूची जारी नहीं की
है। हाल विराटनगर जयपुर व मूल डहरा,थानागाजी निवासी पुष्पराज की इस कामयाबी पर
उनके परिवार जन काफी उत्साहित नजर आ रहें हैं। पुष्पराज के पिताजी जो राजकीय
माध्यमिक विद्यालय पापड़ा,विराटनगर में सरकारी शिक्षक हैं, वे अपने बच्चों पर फ़ख़्र करते हुए बोले कि
बच्चों की सफलता की वजह से ही आस-पास के माननीय का आना-जाना लगा रहता हैं, क्योंकि पिछले चार वर्षों से उनके दोंनो
बच्चों में से कोई न कोई मेरिट लिस्ट में सम्मिलित होते आए हैं। सोमवार को जैसे
परिणाम घोषित हुआ तो उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
पुष्पराज ने जहां गणित में 100 वहीं हिंदी में 100,
इंग्लिश में 94 फिजिक्स में 98 और कमेस्ट्री में 98
अंक प्राप्त किए
हैं। कुलमिलाकर पुष्पराज ने 500 अंकों में से 490
अंक प्राप्त किए
हैं। पुष्पराज के पिता श्री हरिराम वर्मा के मुताबिक उनके परिवार में पति-पत्नी के
साथ दो बच्चे हैं,
और दोनों ही
कुशाग्र बुद्धि के धनी हैं। उनका बड़ा लड़का प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी के साथ
दिल्ली विश्वविद्यालय में बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र हैं।
पुष्पराज भारती
ने अपनी सफलता का राज कड़ी मेहनत और शिक्षा के प्रति अपने रुझान को बताया को बताया।पुष्पराज
ने बताया के परिवार का माहौल ही कुछ इस तरह का है जिससे पढ़ाई के अलावा कोई भटकाव
ना हो। इसके लिए धन्यवाद के पात्र माता-पिता हैं। जिन्होंने ऐसा माहौल उपलब्ध करवाया। इस
परीक्षा के पहले दसवीं बोर्ड परीक्षा में भी पुष्पराज ने 94.33 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। उनके पिता जी से
बात करने पर पता चला कि जिस परिवेश में शहर के बच्चे मोबाइल- फोन और टेलीविजन के
बीच घिरे रहते हैं उसके इतर बच्चों ने पढ़ाई के आगे इन चीजों की कभी मांग ही नहीं
की।
पुष्पराज भारती के पिता हरिराम रैगर ने
बताया कि उनके घर पर पिछले 6 वर्षों से TV तक नहीं चालू की गई और साथ में शहर में रहने के बावजूद भी उनके बच्चे नियमित
तरीके से दिनचर्या का अनुसरण करते रहे सुबह 4:00 बजे उठने के साथ ही सुबह की सैर-यात्रा और व्यायाम को नियमित करते हैं,जो भी उनके मानसिक संतुलन को बनाए रखता हैं।
पुष्पराज ने अपनी सफलता के राज के पीछे अपने माता पिता और घर के पूरे माहौल को
जिम्मेवार बताया। उसी ने बताया कि वह आगे चलकर प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी करके
देश और समाज के लिए कुछ करने की चाहत रखता है।
पुष्पराज की माता श्री मंजू देवी जो कि गृहणी हैं। जिनसे बात करने पर पता चला, कि उन्होंने अपने दोनों बच्चों को पढ़ने के
लिए कभी भी विवश नहीं किया। साथ में उन्होंने बताया की बच्चों को घर की किसी भी
जिम्मेदारियों से दूर रखा गया। बच्चों का जब मन हुआ तभी पढ़ाई किया और जब मन हुआ
तब सोए। पढ़ाई के लिए अभिवावकों की तरफ से कोई अतिरिक्त दबाव नहीं डाला गया।
पुष्पराज की पढ़ाई के अतिरिक्त अभिरुचि चित्रकारी में हैं।
इसके पहले पुष्पराज का
सिलेक्शन IIT
मेंस में भी हो
गया था और आगामी दिनों में एडवांस की परीक्षा भी होने वाली है लेकिन पुष्पराज ने
बातचीत में बताया कि उनका रुझान इंजीन्यरिंग की तरफ नहीं हैं। उन्होंने मात्र
परीक्षा इसलिए दी की परीक्षा में प्रश्न पत्र किस दृष्टिकोण पर आधारित होते हैं। इसका प्रारंभिक ज्ञान हो सके। क्योंकि आने
वाले दिनों में पुष्पराज कई परीक्षाओं को देना चाहता हैं। इन सभी बातों के इतर गौर
करने वाली बात यह है कि पुष्पराज ने 10वीं,
12वीं और IIT मेंस एग्जाम को बिना किसी कोचिंग सेंटर को
ज्वाइन किए उत्तीर्ण किया है। जिसने आज के परिवेश में बढ़ते कोचिंग के क्रेज़ को
झुठला दिया हैं। पुष्पराज ने अपने हमउम्र बच्चों को संदेश में कहा कि जीवन पथ पर
संघर्ष के साथ आगे बढ़ते रहो, सफलता खुद-ब-खुद चलकर आएंगी।
लोगों ने पिता को मोबाइल पर
दी बधाई
थानागाजी में पुष्पराज भारती के 98 प्रतिशत आने
एवं ज्योति बाल विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल थानागाजी में विज्ञान वर्ग में
सबसे अव्वल आने पर शाला निदेशक चन्द्रशेखर सैनी व प्रधानाचार्य धर्मेंन्द्र
महलावत की ओर से मंगलवार को थानागाजी कस्बे में जुलूस यात्रा निकाली गई। जिसमें कस्बेवासी
एवं स्कूल स्टाफ,छात्रों ने डीजे बजाकर कस्बे के मुख्य मार्गो पर जुलूस निकाला और आत्मिय बधाई दी। आपको बता दे कि
परिणाम घोषित होते पुष्पराज के पिता के मोबाइल फोन पर बधाई देने वालों के देर रात
तक फोन आ रहे थे।
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